देश के दूसरे सबसे बड़े सरकारी बैंक, पंजाब नेशनल बैंक (PNB) द्वारा 2,434 करोड़ रुपये के लोन फ्रॉड की जानकारी साझा करने के बाद बैंकिंग जगत में हलचल तेज हो गई है। यह मामला कोलकाता स्थित श्रेय (SREI) ग्रुप की दो सहयोगी कंपनियों—श्रेय इक्विपमेंट फाइनेंस और श्रेय इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस—से जुड़ा है। हालांकि, बैंक ने इस संकट को संभालने के लिए पहले से ही ठोस वित्तीय तैयारी कर रखी है।
पीएनबी और श्रेय ग्रुप: घोटाले का पूरा गणित
पंजाब नेशनल बैंक ने स्टॉक एक्सचेंज को दी गई अपनी नियामक फाइलिंग में स्पष्ट किया है कि यह धोखाधड़ी 'फंड डायवर्जन' और नियमों की अनदेखी से जुड़ी है। आंकड़ों के अनुसार:
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श्रेय इक्विपमेंट फाइनेंस लिमिटेड (SEFL): इस खाते में 1,241.48 करोड़ रुपये का फ्रॉड रिपोर्ट किया गया है।
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श्रेय इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस लिमिटेड (SIFL): यहाँ धोखाधड़ी की राशि 1,192.63 करोड़ रुपये आंकी गई है।
इन दोनों राशियों को मिलाकर कुल आंकड़ा 2,434.11 करोड़ रुपये तक पहुँच जाता है। बैंक ने इस मामले को आधिकारिक तौर पर 'फ्रॉड' के रूप में वर्गीकृत कर आरबीआई को सूचित कर दिया है।
100% प्रोविजनिंग: खाताधारकों के लिए राहत की बात
आमतौर पर इतने बड़े घोटाले की खबर से बैंक की वित्तीय स्थिति पर सवाल उठते हैं, लेकिन पीएनबी ने यहाँ एक 'सुरक्षा कवच' तैयार रखा है। बैंक ने बताया कि उसने इन दोनों खातों के लिए 100 फीसदी प्रोविजनिंग पहले ही पूरी कर ली है।
प्रोविजनिंग का मतलब: बैंक ने अपने पिछले मुनाफे से इतनी राशि अलग सुरक्षित रख ली है कि यदि यह पैसा कभी वापस न भी आए, तो बैंक की वर्तमान बैलेंस शीट और निवेशकों के पैसे पर कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ेगा।
श्रेय ग्रुप का पतन और दिवालिया प्रक्रिया
श्रेय ग्रुप, जो कभी कंस्ट्रक्शन मशीनों के फाइनेंस में बाजार का लीडर था, अक्टूबर 2021 में गहरे संकट में फंस गया था। आरबीआई ने गवर्नेंस संबंधी चिंताओं के कारण इसके बोर्ड को भंग कर दिया था।
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NCLT और समाधान: यह मामला नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) में चला, जहाँ अगस्त 2023 में नेशनल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी (NARCL) की समाधान योजना को मंजूरी दी गई।
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NARCL का अधिग्रहण: अब ये कंपनियां बैंक के नियंत्रण से बाहर होकर 'बैड बैंक' (NARCL) के समाधान ढांचे का हिस्सा हैं।
बैंक की वर्तमान वित्तीय स्थिति
पीएनबी के ताजा आंकड़ों के अनुसार, बैंक की एसेट क्वालिटी में लगातार सुधार हो रहा है। सितंबर तिमाही तक बैंक का प्रोविजन कवरेज रेश्यो (PCR) 96.91% के स्तर पर पहुँच गया है, जो बैंकिंग सेक्टर के मानकों के हिसाब से काफी मजबूत स्थिति मानी जाती है। यह दर्शाता है कि बैंक अपने एनपीए (NPA) को कवर करने के लिए पूरी तरह तैयार है।
शेयर बाजार और निवेशकों का नजरिया
इस खुलासे के बावजूद, शेयर बाजार में पीएनबी के प्रति निवेशकों का भरोसा बना हुआ है।
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रिटर्न: पिछले 3 सालों में पीएनबी के स्टॉक ने 144% का मल्टीबैगर रिटर्न दिया है।
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मार्केट कैप: वर्तमान में बैंक का बाजार पूंजीकरण 1.39 लाख करोड़ रुपये के पार है। हालांकि खबर आने पर शेयर में मामूली उतार-चढ़ाव देखा गया, लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि चूंकि घाटे की भरपाई (Provisioning) पहले ही की जा चुकी है, इसलिए लंबी अवधि में स्टॉक पर इसका बड़ा बुरा असर नहीं पड़ेगा।
निष्कर्ष
पीएनबी द्वारा इस पुराने मामले को 'फ्रॉड' घोषित करना पारदर्शिता की दिशा में एक कदम है। श्रेय ग्रुप का यह मामला बैंकिंग सेक्टर के लिए एक सबक है कि कॉर्पोरेट लोन की निगरानी कितनी महत्वपूर्ण है। वर्तमान में पीएनबी एक मजबूत वित्तीय स्थिति में है और अपनी एसेट क्वालिटी को सुधारने के लिए प्रतिबद्ध नजर आ रहा है।